बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झाँसी के लिए तथा सम्पूर्ण बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लिए आज बहुत गौरव का दिन रहा। राजनीति विज्ञान के क्षेत्र में कार्य कर रही प्रदेश की प्रतिष्ठित एसोसिएशन ‘उ0प्र0 राजनीति विज्ञान परिषद्’ के अध्यक्ष पद पर दयानन्द वैदिक स्नातकोत्तर महाविद्यालय, उरई के राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष डा0 आदित्य कुमार निर्वाचित हुए।
विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के प्राध्यापकों तथा शोधार्थियों की प्रतिष्ठित परिषद् का गठन सन् 1980 में मधु लिमये, प्रो0 विमला प्रसाद, प्रो0 पुष्पेष पन्त, प्रो0 विमल पुरी, प्रो0 जे0पी0 सूद जैसे व्यक्तित्वों की देख-रेख में किया गया था। सन् 1980 में एसोसिएशन के गठन के बाद से आज तक बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय से तथा बुन्देलखण्ड क्षेत्र से कोई भी इस पद के लिए नहीं चुना गया। इतनी लम्बी समयावधि में यह पहला मौका है जब इस क्षेत्र के किसी व्यक्ति को इस महत्वपूर्ण पद के लिए चुना गया है।
30 एवं 31 जनवरी 2010 को दयानन्द बीरेन्द्र स्वरूप डिग्री कालेज कानपुर में उ0प्र0 राजनीति विज्ञान परिषद् के 18 वें अधिवेशन में आज 31 जनवरी को सम्पन्न हुए त्रिकोणीय चुनावी मुकाबले में डा0 आदित्य कुमार ने 30 मतों से विजय प्राप्त की। उन्होंने आचार्य नरेन्द्र देव डिग्री कालेज, बभनार, गोण्डा के डा0 जगन्नाथ पाण्डेय को हराया। इस पद के लिए तीसरे प्रत्याशी मुरादाबाद के डा0 अरुण कुमार गुप्ता थे।
प्रति दो वर्ष में होने वाले परिषद् के चुनावों में डा0 आदित्य कुमार सहित कुल सात पदों पर सदस्य निर्वाचित हुए। डा0 कपिल बाजपेयी, दयानन्द-एंग्लो वैदिक महाविद्यालय, कानपुर को सचिव निर्वाचित घोषित किया गया। परिषद् की ओर से नियमित रूप से निकलने वाले जर्नल (उत्तर प्रदेश जर्नल आफ पालिटिकल साइंस) के सम्पादक के रूप में क्राइस्ट चर्च कालेज, कानपुर के डा0 आशुतोष सक्सेना को चुना गया।
एसोसिएशन के चुनाव से पूर्व दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया था। इसमें राजनीतिक सिद्धान्त, अन्तरराष्ट्रीय राजनीति, भारतीय शासन एवं राजनीति, उत्तर प्रदेश राजनीति जैसे विषयों पर शोध पत्रों को वाचन किया गया। इसमें प्रदेश के प्रबुद्ध राजनीति विज्ञानियों ने, शोधार्थियों ने भाग लिया।
एसोसिएशन विशेष रूप से राजनीति विज्ञान के क्षेत्र में शोध-कार्यों को बढ़ावा देने का कार्य करती है। अकादमिक कार्यों के लिए गठित की गई इस एसोसिएशन का उद्देश्य इस क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों को आगे लाना है। इसके लिए पूरे प्रदेश में जगह-जगह कार्यशालाओं, सेमीनारों, विचार-गोष्ठियों आदि का आयोजन भी किया जाता है।
अध्यक्ष पद पर निर्वाचित होने के बाद डा0 आदित्य कुमार ने कहा कि उनके पास युवाओं की एक बहुत बड़ी और कर्मठ टीम है जिसके सहारे से वे प्रदेश में लगभग सुसुप्त हो चुकी इस परिषद् को पुनः सक्रिय करने का कार्य करेंगे। शोधार्थियों को विशेष रूप से इस बात के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा कि वे उत्कृष्ट शोध-कार्य के द्वारा स्वयं को आगे लायें। इसके लिए उनका और एसोसिएशन का प्रयास रहेगा कि समूचे प्रदेश में वे अपने कार्यकाल में सेमीनार, गोष्ठियाँ, कार्यशालायें आदि का आयोजन करवा सकें।
अपने सीधे-सरल व्यक्तित्व और स्वभाव के कारण सभी के बीच सहज स्वीकार्य डा0 आदित्य कुमार का अध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद भव्य स्वागत किया गया। कानपुर में विभिन्न स्थानों पर उनके सम्मान में स्वागत कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। क्राइस्ट चर्च कालेज कानपुर के राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष डा0 ए0के0 वर्मा, डा0 रंजन श्रीवास्तव, आजमगढ़ से आये डा0 सुधीर कुमार, बूटा अध्यक्ष, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय शिक्षक संघ, डा0 राजीव रतन द्विवेदी, अतर्रा, भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ के डा0 रिपुसूदन सिंह, हड़िया के डा0 के0डी0 सिंह, बी0के0डी0 झाँसी के डा0 किशन यादव आदि सहित सैकड़ों लोगों ने उन्हें कानपुर में ही भव्य समारोह में बधाई देते हुए सम्मानित किया।
डा0 किशन यादव उरई तक उनके साथ आये। उनका कहना था कि बुन्देलखण्ड को बहुत बड़ी जिम्मेवारी मिली है और हम सभी को मिल कर डा0 आदित्य कुमार के कार्यकाल को सफल सिद्ध करना है।
डा0 आदित्य कुमार के अध्यक्ष निर्वाचित होने की खबर जैसे ही उनके नगर उरई आई वैसे ही उनके चाहने वालों में, उनके महाविद्यालय के सहयोगी प्राध्यापकों में खुशी की लहर दौड़ गई। आज ही देर रात कानपुर से बापस लौटने पर उनका शहर की सीमा पर ही जबरदस्त स्वागत किया गया।
फूल-मालाओं, आतिशबाजी, गोला-बारूद के साथ डा0 आदित्य कुमार के स्वागत में दर्जनों लोग मौजूद रहे। उनके स्वागत का सिलसिला शहर में जगह-जगह चलता रहा। घर पर भी बधाई देने वालों का तांता लगा रहा।
अपने शुभचिन्तकों से मिलने पर डा0 आदित्य कुमार ने कहा कि अब उनकी जिम्मेवारी बहुत बढ़ गई है। सबसे पहले तो वे एसोसिएशन के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त करते हैं जिन्होंने उनको इस जिम्मेवारी के योग्य समझा। किसी को भी मेरे कार्यकाल से निराशा न हो यही मेरा प्रयास रहेगा। कल से ही अपने कार्य को अंजाम देने में लगना है और एसोसिएशन को नई ऊँचाइयों पर ले जाना है।
घर पहुँचने पर सर्वप्रथम उनकी धर्मपत्नी ने उनका स्वागत तिलक लगाकर, मिठाई खिला कर किया। घर के अन्य सदस्यों ने भी खुशी व्यक्त की।
डा0 वीरेन्द्र सिंह यादव, हिन्दी विभाग, दयानन्द वैदिक स्नातकोत्तर महाविद्यालय, उरई, डा0 राजेश पालीवाल, शिक्षाविद्, डा0 हर्षेन्द्र सिंह सेंगर, डा0 मुकेश, प्रवक्ता, डा0 कुमारेन्द्र सिंह सेंगर, सुभाष चन्द्रा, राजनीतिक विश्लेषक रणविजय सिंह, सहित कई लोगों ने उपस्थित होकर बधाई दी।
विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के प्राध्यापकों तथा शोधार्थियों की प्रतिष्ठित परिषद् का गठन सन् 1980 में मधु लिमये, प्रो0 विमला प्रसाद, प्रो0 पुष्पेष पन्त, प्रो0 विमल पुरी, प्रो0 जे0पी0 सूद जैसे व्यक्तित्वों की देख-रेख में किया गया था। सन् 1980 में एसोसिएशन के गठन के बाद से आज तक बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय से तथा बुन्देलखण्ड क्षेत्र से कोई भी इस पद के लिए नहीं चुना गया। इतनी लम्बी समयावधि में यह पहला मौका है जब इस क्षेत्र के किसी व्यक्ति को इस महत्वपूर्ण पद के लिए चुना गया है।
30 एवं 31 जनवरी 2010 को दयानन्द बीरेन्द्र स्वरूप डिग्री कालेज कानपुर में उ0प्र0 राजनीति विज्ञान परिषद् के 18 वें अधिवेशन में आज 31 जनवरी को सम्पन्न हुए त्रिकोणीय चुनावी मुकाबले में डा0 आदित्य कुमार ने 30 मतों से विजय प्राप्त की। उन्होंने आचार्य नरेन्द्र देव डिग्री कालेज, बभनार, गोण्डा के डा0 जगन्नाथ पाण्डेय को हराया। इस पद के लिए तीसरे प्रत्याशी मुरादाबाद के डा0 अरुण कुमार गुप्ता थे।
प्रति दो वर्ष में होने वाले परिषद् के चुनावों में डा0 आदित्य कुमार सहित कुल सात पदों पर सदस्य निर्वाचित हुए। डा0 कपिल बाजपेयी, दयानन्द-एंग्लो वैदिक महाविद्यालय, कानपुर को सचिव निर्वाचित घोषित किया गया। परिषद् की ओर से नियमित रूप से निकलने वाले जर्नल (उत्तर प्रदेश जर्नल आफ पालिटिकल साइंस) के सम्पादक के रूप में क्राइस्ट चर्च कालेज, कानपुर के डा0 आशुतोष सक्सेना को चुना गया।
एसोसिएशन के चुनाव से पूर्व दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया था। इसमें राजनीतिक सिद्धान्त, अन्तरराष्ट्रीय राजनीति, भारतीय शासन एवं राजनीति, उत्तर प्रदेश राजनीति जैसे विषयों पर शोध पत्रों को वाचन किया गया। इसमें प्रदेश के प्रबुद्ध राजनीति विज्ञानियों ने, शोधार्थियों ने भाग लिया।
एसोसिएशन विशेष रूप से राजनीति विज्ञान के क्षेत्र में शोध-कार्यों को बढ़ावा देने का कार्य करती है। अकादमिक कार्यों के लिए गठित की गई इस एसोसिएशन का उद्देश्य इस क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों को आगे लाना है। इसके लिए पूरे प्रदेश में जगह-जगह कार्यशालाओं, सेमीनारों, विचार-गोष्ठियों आदि का आयोजन भी किया जाता है।
अध्यक्ष पद पर निर्वाचित होने के बाद डा0 आदित्य कुमार ने कहा कि उनके पास युवाओं की एक बहुत बड़ी और कर्मठ टीम है जिसके सहारे से वे प्रदेश में लगभग सुसुप्त हो चुकी इस परिषद् को पुनः सक्रिय करने का कार्य करेंगे। शोधार्थियों को विशेष रूप से इस बात के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा कि वे उत्कृष्ट शोध-कार्य के द्वारा स्वयं को आगे लायें। इसके लिए उनका और एसोसिएशन का प्रयास रहेगा कि समूचे प्रदेश में वे अपने कार्यकाल में सेमीनार, गोष्ठियाँ, कार्यशालायें आदि का आयोजन करवा सकें।
अपने सीधे-सरल व्यक्तित्व और स्वभाव के कारण सभी के बीच सहज स्वीकार्य डा0 आदित्य कुमार का अध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद भव्य स्वागत किया गया। कानपुर में विभिन्न स्थानों पर उनके सम्मान में स्वागत कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। क्राइस्ट चर्च कालेज कानपुर के राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष डा0 ए0के0 वर्मा, डा0 रंजन श्रीवास्तव, आजमगढ़ से आये डा0 सुधीर कुमार, बूटा अध्यक्ष, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय शिक्षक संघ, डा0 राजीव रतन द्विवेदी, अतर्रा, भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ के डा0 रिपुसूदन सिंह, हड़िया के डा0 के0डी0 सिंह, बी0के0डी0 झाँसी के डा0 किशन यादव आदि सहित सैकड़ों लोगों ने उन्हें कानपुर में ही भव्य समारोह में बधाई देते हुए सम्मानित किया।
डा0 किशन यादव उरई तक उनके साथ आये। उनका कहना था कि बुन्देलखण्ड को बहुत बड़ी जिम्मेवारी मिली है और हम सभी को मिल कर डा0 आदित्य कुमार के कार्यकाल को सफल सिद्ध करना है।
डा0 आदित्य कुमार के अध्यक्ष निर्वाचित होने की खबर जैसे ही उनके नगर उरई आई वैसे ही उनके चाहने वालों में, उनके महाविद्यालय के सहयोगी प्राध्यापकों में खुशी की लहर दौड़ गई। आज ही देर रात कानपुर से बापस लौटने पर उनका शहर की सीमा पर ही जबरदस्त स्वागत किया गया।
फूल-मालाओं, आतिशबाजी, गोला-बारूद के साथ डा0 आदित्य कुमार के स्वागत में दर्जनों लोग मौजूद रहे। उनके स्वागत का सिलसिला शहर में जगह-जगह चलता रहा। घर पर भी बधाई देने वालों का तांता लगा रहा।
अपने शुभचिन्तकों से मिलने पर डा0 आदित्य कुमार ने कहा कि अब उनकी जिम्मेवारी बहुत बढ़ गई है। सबसे पहले तो वे एसोसिएशन के सभी सदस्यों का आभार व्यक्त करते हैं जिन्होंने उनको इस जिम्मेवारी के योग्य समझा। किसी को भी मेरे कार्यकाल से निराशा न हो यही मेरा प्रयास रहेगा। कल से ही अपने कार्य को अंजाम देने में लगना है और एसोसिएशन को नई ऊँचाइयों पर ले जाना है।
घर पहुँचने पर सर्वप्रथम उनकी धर्मपत्नी ने उनका स्वागत तिलक लगाकर, मिठाई खिला कर किया। घर के अन्य सदस्यों ने भी खुशी व्यक्त की।
डा0 वीरेन्द्र सिंह यादव, हिन्दी विभाग, दयानन्द वैदिक स्नातकोत्तर महाविद्यालय, उरई, डा0 राजेश पालीवाल, शिक्षाविद्, डा0 हर्षेन्द्र सिंह सेंगर, डा0 मुकेश, प्रवक्ता, डा0 कुमारेन्द्र सिंह सेंगर, सुभाष चन्द्रा, राजनीतिक विश्लेषक रणविजय सिंह, सहित कई लोगों ने उपस्थित होकर बधाई दी।
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डॉ० आदित्य कुमार को बहुत बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंBahut bahut badhai sir.. poora vishwas hai ki aap sadasyon ki ummeedon ko poora karenge aur doosre karyakaal me bhi chune jayenge..
जवाब देंहटाएंJai Hind...
thanks for good wishes.
जवाब देंहटाएंHAM ASHA KARATE HAI KI YAH KARVAN LAMBI DOORI KI RACE LAGAYEGA.
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