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कम्प्यूटर और इंटरनेट की उपयोगिता पर विचार-गोष्ठी का आयोजन

कम्प्यूटर और इंटरनेट की उपयोगिता पर विचार-गोष्ठी का आयोजन

‘‘वर्तमान युग में सूचनाओं के आदन-प्रदान का तरीका बदलता जा रहा है। पाठ्य-पुस्तकों के साथ-साथ नयी-नयी तकनीक भी हमें ज्ञान प्रदान कराती है। कम्प्यूटर के द्वारा जहाँ हमने अपने कार्य करने की क्षमता का विकास किया है वहीं इंटरनेट के आने से हमने सूचनाओं और जानकारियों को अपने आसपास ही पाया है।’’ ये विचार सेठ वीरेन्द्र कुमार महाविद्यालय, गुढ़ा, जालौन में मुख्य वक्ता के रूप में प्रो0 सत् चित् आनन्द, अध्यक्ष, शिक्षाशास्त्र विभाग, डी0वी0 कालेज, उरई ने व्यक्त किये। कम्प्यूटर और इंटरनेट की उपयोगिता विषय पर महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को जानकारी देते हुए प्रो0 सत् चित् आनन्द ने आगे बताया कि प्रत्येक विद्यार्थी को आज कम्प्यूटर के साथ मित्रवत सम्बन्ध बनाने चाहिए। जब तक कम्प्यूटर का प्रयोग नहीं किया जा रहा है तब तक ही वह हमारे लिए एक कौतूहल का सामान होता है और जैसे ही हम उसका प्रयोग करना शुरू करते हैं तो हमें उसके प्रति विश्वास पैदा होता है।
छात्र-छात्राओं के प्रश्नों का जवाब देते हुए प्रो0 आनन्द ने बहुत ही ज्ञानवर्द्धक जानकारी दी। एक छात्र के प्रश्न कि इंटरनेट की किसी विद्यार्थी के लिए क्या उपयोगिता है पर उन्होंने कहा कि आज बहुत सी कम्पनियों और सरकारी विभागों के रिक्त पदों की सूचनाएँ इंटरनेट के माध्यम से आ रहीं हैं। इसके अलावा पाठ्यक्रम से सम्बन्धित समस्त सामग्री का उपलब्ध हो पाना सम्भव नहीं हो पाता, ऐसे में इंटरनेट के द्वारा उसको एकत्र किया जा सकता है। वर्तमान में लेखन के लिए चल रहे ब्लाग के बारे में बताते हुए प्रो0 आनन्द ने कहा कि यह एक प्रकार की डायरी है जिस पर हम अपने आसपास की, रोजमर्रा की, साहित्य को अथवा किसी भी विषय की सामग्री को लिख और छाप सकते हैं।
एक छात्रा द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या कम्प्यूटर न जानने वाला और इंटरनेट का उपयोग न करने वाला आज पिछड़ा कहा जायेगा, प्रो0 सत् चित् आनन्द ने बताया कि ऐसा नहीं है, यह भ्रान्ति है किन्तु यदि हमें अपनी प्रतिभा को, अपनी क्षमताओं को और निखारना है तो हमें इस तकनीक से भी परिचित होना होगा। आज यदि हमारे देश के वैज्ञानिकों की, युवाओं की सारे संसार में पूछ है तो उसकी प्रतिभा के कारण। बस, हम इंटरनेट, कम्प्युटर के द्वारा उसी ज्ञान को और बढ़ा लेते हैं। अपनी धरती के हालचाल के अलावा सुदूर अंतरिक्ष के ग्रहों की खोजपरक जानकारी इंटरनेट और कम्प्यूटर के द्वारा ही आसान हो सकी है।
अन्त में प्रो0 सत् चित् आनन्द ने कहा कि किसी भी देश, व्यक्ति के विकास में तकनीक का बहुत बड़ा योगदान रहता है। हम उस स्थिति को याद करें जबकि इंटरनेट का चलन नहीं था, तब हमें अपने संदेश को दूसरे तक पहुँचाने के लिए पत्रों का सहारा लेना पड़ता था। बाद में फोन और आज मोबाइल का प्रयोग हमें आपस में बहुत ही पास ले आया है। यही इंटरनेट की महत्ता है और इसके द्वारा चिकित्सा, विज्ञान, प्रोद्यौगिकी, रक्षा, शिक्षा, कृषि आदि में कार्य करने में और जानकारी प्राप्त करने में सुविधा हो गई है।
सेठ वीरेन्द्र कुमार महाविद्यालय के प्राचार्य डा0 अभयकरन सक्सेना ने कहा कि महाविद्यालय के द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है कि सभी विद्यार्थियों को तय पाठ्यक्रम के अतिरिक्त भी ज्ञान प्रदान किया जाये जिससे वे स्नातक होने के बाद शिक्षा के अलावा भी अन्य क्षेत्रों में अपने आपको साबित कर सकें। कम्प्यूटर और इंटरनेट की उपयोगिता को इस रूप में ही समझा जा सकता है कि हम दैनिक कार्यों में मोबाइल, टी0वी0 का प्रयोग देख ही रहे हैं। महाविद्यालयीन कार्यों में भी कम्प्यूटर के द्वारा आसानी होने को उन्होनें स्वयं देखा-समझा है। आज इस बात से बिलकुल भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि कम्प्यूटर और इंटरनेट ने संसार को एक छोटे से समूह में बदल दिया है।
सेठ वीरेंद्र कुमार महाविद्यालय की प्रबन्धकारिणी के अध्यक्ष और आज के कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्री नितिन मित्तल ने कहा कि महाविद्यालय का प्रयास रहेगा कि वहाँ पढ़ने वाला प्रत्येक विद्यार्थी वर्तमान में विकसित होने वाली प्रत्येक तकनीकी से परिचित रहे। आज तो कम्प्यूटर की महती आवश्यकता हो देखा और समझा जा सकता है। किसी भी कार्य को देखा जाये उसे कम्प्यूटर के प्रयोग ने आसान किया है। रेलवे के आरक्षण की बात हो, मौसम की जानकारी लेनी हो, भूकम्प का पता लगाना हो और भी बहुत सी जानकारी कम्प्यूटर और इंटरनेट के द्वारा देखने को मिल जाती है। इसी तरह से इंटरनेट से आपस में संवाद आसान हुआ है। ई-मेल के द्वारा पत्र लिखना और सामग्री का आदान-प्रदान भी आसान हुआ है। कार्यक्रम के अन्त में अध्यक्ष नितिन मित्तल ने प्रो0 चित् आनन्द को स्मृति भेंट देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापकों में अनुज श्रीवास्तव, उप-प्रधानाचार्य, डा0 गणेशानंद, डा0 सीता जड़िया, डा0 राकेश पाठक, प्रो0 अवनीश द्विवेदी, श्रीकृष्ण कोष्ठा, प्रियंका अग्रवाल, प्रिया अग्रवाल, योगेश सिंह, सौरभ गुप्ता आदि सहित महाविद्यालय के तृतीय श्रेणी कर्मचारी भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन योगेश सिंह ने किया।

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