उत्तर प्रदेश के जनपद जालौन से प्रकाशित होने वाली साहित्यिक पत्रिका स्पंदन का आगामी अंक ‘बुन्देलखण्ड विशेषांक’ के रूप में प्रकाशित किया जाना है। यह अंक मार्च 2010 के पहले सप्ताह में पाठकों को उपलब्ध हो जायेगा। यह जानकारी स्पंदन के प्रबन्ध सम्पादक डा0 लखनलाल पाल ने दी।
उन्होंने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि इस अंक के लिए लगातार रचनाएँ आमंत्रित की जा रहीं हैं। रचनाकारों से अनुरोध है कि वे ऐसी रचनाएँ भेजें जिनके द्वारा बुन्देलखण्ड की संस्कृति की झलक मिलती हो। रचनाओं में लेख, कहानी, कविता, ग़ज़ल, लघुकथा, संस्मरण आदि सहित साहित्य की विविध विधाओं का स्वागत है।
डा0 लखनलाल ने स्पंदन के समय से प्रकाशन के लिए रचनाकारों से समय का विशेष ध्यान रखने का भी अनुरोध किया है। उनका कहना है कि यदि रचनाएँ 20 फरवरी 2010 तक प्राप्त हो जायेंगीं तो उनका प्रकाशन इसी अंक में किया जा सकेगा। स्पंदन के समय से प्रकाशन के लिए समय का विशेष ध्यान रखना होगा।
रचनाओं को भेजने के लिए डाक का अथवा ई-मेल का प्रयोग किया जा सकता है। डाक से रचनाओं के लिए निम्न पते पर रचनाएँ भेजें -
डा0 कुमारेन्द्र सिंह सेंगर
सम्पादक - स्पंदन
110 रामनगर, सत्कार के पास,
उरई (जालौन) उ0प्र0 पिन 285001
जो रचनाकार ई-मेल से रचनाओं को भेजना चाहते हैं वे कृपया निम्न पते पर रचनाओं को भेजें।
spandan.kss@gmail.com
spandan_kss@rediffmail.com
ई-मेल से रचनाएँ भेजने वाले रचनाकार इस बात का विशेष ध्यान दें कि रचनाएँ कृतिदेव 10 में हों तथा पेजमेकर 6.5 में अथवा एम0एस0 वर्ड फाइल के रूप हों।
डा0 लखनलाल ने एक विशेष बात पर जोर दिया कि जो रचनाकार बुन्देली भाषा में गद्य रचनाएँ प्रेषित करेंगे उनको उचित मानदेय भी प्रदान किया जायेगा। उनका कहना था ऐसी व्यवस्था बुन्देली भाषा के उन्नयन हेतु स्पंदन के सम्पादक मण्डल द्वारा निर्धारित की गई है।
रचनाकार रचना भेजते समय अपना पूरा डाक का पता स्पष्ट रूप से भेजें ताकि स्पंदन के प्रकाशन के बाद उनको प्रति भेजी जा सके।
स्पंदन को ब्लाग पर यहाँ से पढ़ा जा सकता है।
उन्होंने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि इस अंक के लिए लगातार रचनाएँ आमंत्रित की जा रहीं हैं। रचनाकारों से अनुरोध है कि वे ऐसी रचनाएँ भेजें जिनके द्वारा बुन्देलखण्ड की संस्कृति की झलक मिलती हो। रचनाओं में लेख, कहानी, कविता, ग़ज़ल, लघुकथा, संस्मरण आदि सहित साहित्य की विविध विधाओं का स्वागत है।
डा0 लखनलाल ने स्पंदन के समय से प्रकाशन के लिए रचनाकारों से समय का विशेष ध्यान रखने का भी अनुरोध किया है। उनका कहना है कि यदि रचनाएँ 20 फरवरी 2010 तक प्राप्त हो जायेंगीं तो उनका प्रकाशन इसी अंक में किया जा सकेगा। स्पंदन के समय से प्रकाशन के लिए समय का विशेष ध्यान रखना होगा।
रचनाओं को भेजने के लिए डाक का अथवा ई-मेल का प्रयोग किया जा सकता है। डाक से रचनाओं के लिए निम्न पते पर रचनाएँ भेजें -
डा0 कुमारेन्द्र सिंह सेंगर
सम्पादक - स्पंदन
110 रामनगर, सत्कार के पास,
उरई (जालौन) उ0प्र0 पिन 285001
जो रचनाकार ई-मेल से रचनाओं को भेजना चाहते हैं वे कृपया निम्न पते पर रचनाओं को भेजें।
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ई-मेल से रचनाएँ भेजने वाले रचनाकार इस बात का विशेष ध्यान दें कि रचनाएँ कृतिदेव 10 में हों तथा पेजमेकर 6.5 में अथवा एम0एस0 वर्ड फाइल के रूप हों।
डा0 लखनलाल ने एक विशेष बात पर जोर दिया कि जो रचनाकार बुन्देली भाषा में गद्य रचनाएँ प्रेषित करेंगे उनको उचित मानदेय भी प्रदान किया जायेगा। उनका कहना था ऐसी व्यवस्था बुन्देली भाषा के उन्नयन हेतु स्पंदन के सम्पादक मण्डल द्वारा निर्धारित की गई है।
रचनाकार रचना भेजते समय अपना पूरा डाक का पता स्पष्ट रूप से भेजें ताकि स्पंदन के प्रकाशन के बाद उनको प्रति भेजी जा सके।
स्पंदन को ब्लाग पर यहाँ से पढ़ा जा सकता है।
Bahut bahut dhanyawaad, koshish karoonga koi yogya rachna bhej sakoon.
जवाब देंहटाएंJai Hind... Jai Bundelkhand...