दयानन्द वैदिक स्नातकोत्तर महाविद्यालय,
उरई के शिक्षाशास्त्र विभागाध्यक्ष प्रो0 सत् चित् आनन्द द्वारा लिखित ई-बुक का विमोचन आज 6 सितम्बर 2012 को बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय,
झांसी के कुलपति प्रो0 एस0वी0एस0 राणा के करकमलों से हुआ। यह बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय,
झांसी की पहली ई-बुक है। ‘प्रिसिंपल ऑफ एजूकेशन’ नामक इस ई-बुक में प्रो0 सत् चित् आनन्द द्वारा बी0ए0 प्रथम वर्ष के प्रथम प्रश्नपत्र के पाठ्यक्रम को समाहित
किया गया है। विश्वविद्यालय कैम्पस में एक सादा समारोह में विमोचन करते हुए
विश्वविद्यालय के कुलपति ने प्रो0 आनन्द के इस प्रयास की सराहना की और कहा कि आज के तकनीकी
भरे दौर में इस तरह के कदमों की आवश्यकता है। इससे न केवल विद्यार्थियों को लाभ
होगा वरन् विश्वविद्यालय तथा सम्बन्धित महाविद्यालय की गरिमा भी बढ़ती है।
बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम से सम्बन्धित इस पहली ई-बुक के आने से
विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट का पुस्तकालय भी समृद्ध होगा। आने वाले दिनों
में यदि विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक अपने-अपने विषय से
सम्बन्धित पाठ्यक्रम के आधार पर ई-बुक का निर्माण करें तो इससे विद्यार्थियों के
समक्ष पाठ्यक्रम से सम्बन्धित अध्ययन सामग्री का अभाव नहीं रह जायेगा।
बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झांसी की पहली ई-बुक के लेखक प्रो0 सत् सित् आनन्द ने बी0ए0 प्रथम वर्ष के प्रथम प्रश्नपत्र पर आधारित अपनी इस पुस्तक के बारे में विस्तार से कुलपति और सभाकक्ष में उपस्थित समस्त लोगों को समझाया। प्रो0 आनन्द ने कुलपति महोदय को इस जानकारी से भी अवगत करवाया कि बी0ए0 प्रथम, द्वितीय, तृतीय वर्ष के समस्त प्रश्नपत्रों के पाठ्यक्रम को ई-बुक के रूप में लाने का कार्य चल रहा है और शीघ्र ही ये समस्त ई-बुक विद्यार्थियों के अध्ययन हेतु उपलब्ध होंगी।
बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ0 अरुण कुमार श्रीवास्तव ने प्रो0 आनन्द की जागरूकता की प्रशंसा की और कहा कि उन्होंने हमेशा
छात्रहित के कार्य किये हैं और इस ई-बुक के निर्माण से भी छात्रों को लाभ
पहुंचेगा। इसी के साथ डॉ0 श्रीवास्तव ने कुलपति महोदय का आभार व्यक्त करते हुए कहा
कि उनके द्वारा विश्वविद्यालय की पहली ई-बुक का विमोचन किये जाने से अन्य जागरूक
और सक्रिय प्राध्यापकों में भी उत्साह का संचार होगा और इसका लाभ समृद्ध पुस्तकालय
के रूप में हमारे सामने आयेगा।
उ0प्र0 राजनीतिविज्ञान परिषद् के प्रदेश अध्यक्ष डॉ0 आदित्य कुमार ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे
तकनीकी भरे कार्य सदैव से प्रो0 आनन्द के करकमलों से होते रहे हैं। आज इस ई-बुक के रूप में
बुन्देलखण्ड के शैक्षिक वातावरण के लिए एक मील का पत्थर रखा गया है। आने वाले
दिनों में प्रो0 आनन्द के इस कार्य से प्रोत्साहन लेकर अन्य प्राध्यापक भी बुन्देलखण्ड के
शैक्षिक वातावरण को उन्नत करने में अपना योगदान देंगे।
गांधी महाविद्यालय, उरई के शिक्षाशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ0 ओ0 पी0 शर्मा ने कहा कि आज का दिन समूचे बुन्देलखण्ड के लिए गौरव
का दिन है और व्यक्तिगत रूप से हमारे लिए इसलिए भी गौरव और प्रसन्नता का विषय है
कि विश्वविद्यालय की पहली ई-बुक उनके अपने विषय में आई है। कुलपति जी के सकारात्मक
रवैये से आने वाले दिनों में अन्य विषयों में भी ई-बुक की रचना की जायेगी।
ई-बुक के विमोचन समारोह में उक्त लोगों के अतिरिक्त प्रो0 सत् चित् आनन्द की धर्मपत्नी श्रीमती सुमन आनन्द,
डी0वी0 कॉलेज, उरई की संगीत विभागाध्यक्ष डॉ0 वीणा श्रीवास्तव, बूटा महामंत्री डॉ0 टी0 के0 शर्मा, विश्वविद्यालय कैम्पस, समाज अध्ययन विभागाध्यक्ष डॉ0 नईम बॉबी, स्ववित्तपोषित महाविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ0 राजीव कुमार, पी-एच0डी0 होल्डर्स एसोसिएशन के संयोजक डॉ0 कुमारेन्द्र सिंह सेंगर सहित कई अन्य प्राध्यापक तथा
विश्वविद्यालय कर्मचारीगण भी उपस्थित रहे।
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