‘‘भ्रष्टाचार को लेकर किया जा रहा देशव्यापी आन्दोलन एक या दो दिनों में समाप्त होने वाला नहीं है। इसके लम्बे समय तक चलने की सम्भावना है और ऐसे में आवश्यक है कि हम सभी लोग एकजुटता के साथ इसके लिए संघर्षरत रहें। यह सम्भव है कि हममें से बहुतों के साथ आपस में समन्वय की स्थिति नहीं बन पाती है तो हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि हम अपने संघर्ष को स्वार्थ के लिए नहीं अपितु राष्ट्रहित के लिए कर रहे हैं। इसके लिए भले ही हममें मतभेद हों किन्तु मनभेद जैसी स्थिति कतई न हो।’’ उक्त विचार आज गहोई ध्र्मशाला में आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता कर रहे डा0 कुमारेन्द्र सिंह सेंगर ने व्यक्त किये। विगत 16 अगस्त से अन्ना के स्वर में स्वर मिलाते हुए उरई के आन्दोलनकारियों ने सार्थक और परिणामपरक संघर्ष हेतु एक कमेटी के गठन करने के सम्बन्ध में नगर के विभिन्न वर्गों के लोगों, बुद्धिजीवियों, व्यापारियों, समाजसेवियों, साहित्यकारों, विद्यार्थियों आदि के सुझावों तथा भावी रणनीति बनाने के सम्बन्ध में इस बैठक का आयोजन किया गया था। डा0 कुमारेन्द्र ने कहा कि आगे से आन्दोलन के दौरान जनलोकपाल बिल पर भी विस्तृत चर्चा होगी तथा आन्दोलन को गली-मुहल्ले तक ले जाना पड़ेगा। अपने सुझावों में उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति प्रतिदिन एक पोस्टकार्ड प्रधानमंत्री को तथा राष्ट्रपति को लिखकर जनलोकपाल बिल लाने और सरकारी बिल को हटाने की माँग करे।
बैठक में जनपद में चलाये जा रहे आन्दोलन को और धार देने के लिए सर्वसम्मति से एक कमेटी का गठन किया गया और सभी से अपील की गई कि आन्दोलन को मुखर और दिशाबद्ध रूप देने के लिए सभी को स्वेच्छा से इस आन्दोलन में भाग लेना चाहिए। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस कमेटी में संयोजक के रूप में जुझारू और प्रतिबद्ध शिक्षक नेता गिरीन्द्र सिंह कुशवाहा होंगे जिनकी किसी भी दल के प्रति कोई प्रतिबद्धता नहीं है और इनका सहयोग करने के लिए क्रान्तिकारी युवा नेता संजय दुबे को सह-संयोजक के रूप में सर्वसम्मति से चुना गया। इस कमेटी के आरम्भिक स्वरूप का गठन करने के लिए अशोक गुप्ता ‘महाबली’, अंशुमन सिंह सेंगर, सूर्य कुमार पाण्डेय, रवीन्द्र पाल, अजय राजपूत, गोपाल मिश्रा, आशीष तिवारी, नरेन्द्र यादव, अरुण प्रताप सिंह, दीनदयाल, राजीव महेश्वरी, डा0 जयश्री पुरवार को सर्वसम्मति से चुना गया तथा आगे आवश्यकतानुसार कमेटी के विस्तार की जिम्मेवारी कमेटी संयोजक गिरीन्द्र सिंह को सौंपी गई।
बैठक में जनपद के प्रसिद्ध कामरेड कैलाश पाठक ने कहा कि हम सभी जनलोकपाल बिल के साथ पूरी ताकत के साथ जुड़े हैं और अन्य राजनीतिक दलों से आवाहन करते हैं कि वे भी भ्रष्टाचार मिटाने के लिए दलीय प्रतिबद्धता को त्याग कर एक मंच पर आयें।
डी0वी0कालेज के राजनीति विज्ञान के डा0 राजेन्द्र पुरवार ने कहा कि अन्ना की बातों से और सरकार के रुख से स्पष्ट हो रहा है कि इस लड़ाई का हल तुरन्त नहीं निकलने वाला है। इसके लिए हो सकता है कि आने वाले दिनों में जेल भरो आन्दोलन करना पड़े। इसके लिए बुजुर्ग लोग आगे आयें।
कमेटी के सह-संयोजक संजय दुबे ने कहा कि बुजुर्गवार हम युवाओं को रास्ता दिखाने के लिए आगे आयें क्योंकि युवा वर्ग बहुत देर तक ऐसी स्थिति में गाँधी बन कर नहीं रह सकता है और सरकार के इस तरह के ढुलमुल रवैये के कारण से उसके भीतर के भगत सिंह, राजगुरु, आजाद, अशफाक जाग भी सकता है।
गाँधी महाविद्यालय के हिन्दी विभाग से सम्बद्ध तथा इंडिया अगेन्स्ट करप्शन के जिला प्रभारी डा0 राकेश नारायण द्विवेदी ने अपने सुझाव देते हुए कहा कि हम सभी को अभी आन्दोलन को शान्तिपूर्ण ढंग से चलाये जाने की आवश्यकता है। इसमें हमारी ओर से एक भी किसी गलती का फायदा सरकार उठाकर पूरे आन्दोलन को बदनाम कर सकती है।
अमर उजाला के ब्यूरो चीफ अनिल शर्मा ने कहा कि पूरा आन्दोलन स्फूर्त रूप से चल रहा है और ऐसे में हमें ध्यान रखना होगा कि आन्दोलन में किसी भी प्रकार से नीरसता और बोझिलता न आने पाये ऐसा होने पर मीडिया और जनता का ध्यान इससे भटकने की सम्भावना है।
डी0वी0 कालेज के हिन्दी विभाग के डा0 रामप्रताप सिंह ने कहा कि नगर में एक प्रकार की बहस की आवश्यता महसूस हो रही है जिसमें जनलोकपाल के समर्थक प्रतिनिधि और सरकारी लोकपाल बिल के समर्थक प्रतिनिधियों के विचारों के बाद जनता स्वयं विचार करे कि कौन सा बिल समाज के लिए प्रभावकारी है।
आन्दोलन को सशक्तता के साथ गति देने वाले अशोक गुप्ता ने कहा कि आन्दोलनकारियों ने अभी तक बिना किसी कमेटी के पूरी अहिंसात्मकता के साथ आन्दोलन को सक्रियता प्रदान की है। यह इस नगर के युवाओं की, छात्रों की सक्रियता का परिणाम है और इसी सक्रियता का विस्तार करने के लिए ही कमेटी का गठन किया गया है।
बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा से जुड़े छात्र नेता आदित्य व्यास ने कहा कि कमेटी एक ऐसी कमेटी का भी गठन करे जो जनपद के भ्रष्टाचार को रोकने का कार्य करे। छात्र नेता और कमेटी के सदस्य आशीष तिवारी ने कहा कि आन्दोलन के लिए एक ऐसी युवा टीम बनाई जाये जो स्वयं आन्दोलन को सक्रियता देने की जिम्मेवारी ले और इसका प्रचार-प्रसार चैबीसों घंटे करती रहे। पूर्ण रूप से इसी आन्दोलन में सक्रिय संजीव यादव ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति जो इस आन्दोलन से जुड़ा है वह प्रातःकाल दो घंटे नगरवासियों को जागरूक करने का कार्य करे और उन्हें अधिक से अधिक संख्या में धरनास्थल पर आने के लिए प्रेरित करे।
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि
1- युवाओं की कुछ टीम इस तरह की भी बनाई जायेंगी जो गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक करेंगी।
2- प्रतिदिन शाम को सात बजे निकलने वाला मोमबत्ती जुलूस शहर के मुख्य मार्ग के अतिरिक्त गली, मोहल्ले से गुजर कर यहां निवास कर रहे लोगों को जागरूक करेगा।
3- नगर के रंगमंच के कलाकारों, साहित्यकारों आदि के द्वारा नगर में विभिन्न स्थानों पर नुक्कड़ नाटक, कवि सम्मेलन आदि के द्वारा भी लोगों को भ्रष्टाचार के विरोध में आने को प्रेरित किया जायेगा।
4- नगरवासियों को जनलोकपाल बिल के बारे में समझाकर उन्हें इसके प्रति सचेत किया जायेगा।
5- प्रत्येक आन्दोलनकारी अपने परिवार के लोगों को और पड़ोस के लोगों को भ्रष्टाचार न करने को समझाया जायेगा।
6- जनलोकपाल बिल लाने को और सरकारी लोकपाल बिल को हटाने के लिए प्रतिदिन सभी सदस्यों द्वारा एक पोस्टकार्ड राष्टपति और प्रधानमंत्री को लिखा जायेगा।
सांसदों, जनप्रतिनिधियों के आवासों के बाहर उन्हें घेरने की बात पर सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि जन्माष्टमी 22 अगस्त को सभी लोग सुबह 10 बजे धरनास्थल तहसील गेट पर एकत्र होगे और वहीं से जुलूस के रूप में चलकर सांसद घनश्याम अनुरागी के आवास पर धरना दिया जायेगा।
बैठक में विचार व्यक्त करने वालों में पंकज गुप्ता, पंकज द्विवेदी, रामसिंह प्रधानाचार्य, गोपाल मिश्रा, युद्धवीर कंथरिया, कामरेड राधेलाल गुप्ता, सूर्यनारायण पाण्डेय, ओमनारायण पाठक, डा0 अनुज भदौरिया, डा0देवेन्द्र नाथ, लक्ष्मण बाबानी, सूर्यनायक,दीनदयाल काके, परमात्माशरण ‘गीतेश’ आदि सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे। संचालन गिरीन्द्र सिंह कुशवाह ने किया।
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