बुन्देलखण्ड की माँग को लेकर आज दिनांक-02 जनवरी 2010 को बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा की ओर से उरई शहर में एक वाहन मार्च किया गया। इसमें दो-पहिया और चार पहिया वाहनों के साथ बुन्देलखण्ड राज्य बनाये जाने की माँग करते हुए नारे भी लगाये जा रहे थे।
वाहन मार्च नगर के प्रमुख उत्सव गृह सिटी सेंटर से प्रारम्भ होकर शहर के मुख्य-मुख्य मार्गों से गुजरा। मच्छर चैराहा से घंटाघर, माहिल तालाब, डी0वी0कालेज होते हुए बस स्टैण्ड के रास्ते जेल रोड, जिला परिषद्, अम्बेडकर चैराहा होते हुए गाँधी चबूतरे पर एक सभा के रूप में परिवर्तित हुआ।
बुन्देलखण्ड राज्य की माँग को लेकर सम्पन्न इस वाहन मार्च में बुन्देखण्ड मुक्ति मोर्चा के जिलाध्यक्ष आशीष मिश्रा, कार्यवाहक जिलाध्यक्ष सलिल तिवारी, छात्र मोर्चा के अध्यक्ष आदित्य व्यास के अतिरिक्त बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय मंत्री डा0 दिनेश चन्द्र द्विवेदी, डा0 कुमारेन्द्र सिंह सेंगर सहित कई युवा शामिल हुए।
गाँधी चबूतरे पर सम्पन्न सभा में डा0 दिनेश चन्द्र द्विवेदी ने कहा कि बुन्देलखण्ड की माँग हक की माँग है। यदि जो लोग इसे पद और सत्ता प्राप्ति की लड़ाई मानते हैं वे कतई इस संगठन से और इस संघर्ष से न जुड़ें। उन्होंने कहा कि इसमें उन लोगों के जुड़ने की जरूरत है जो पृथक बुन्देलखण्ड राज्य की माँग को निस्वार्थ भाव से उठा सकें।
जिलाध्यक्ष आशीष मिश्रा ने कहा कि युवाओं के जोश से पार पाना अब सरकार के हाथ में नहीं है। यहाँ का युवा समझ चुका है कि हमारा भला तभी है जबकि बुन्देलखण्ड राज्य का अलग निर्माण हो जायेगा। बिना अलग राज्य के यहाँ के युवाओं को दूसरे राज्यों में रोजगार के लिए संघर्ष करना होता है। उन्होंने आगे कहा कि बुन्देलखण्ड के किसानों, मजदूरों, युवाओं के हित में अब यही है कि बुन्देलखण्ड को अलग राज्य का दर्जा दे दिया जाये।
केन्द्रीय पदाधिकारी डा0 कुमारेन्द्र सिंह सेंगर ने कहा कि हमारा कर्तव्य यह भी होना खहिए कि हम यहाँ के लोगों को बुन्देलखण्ड के महत्व को समझा सकें। हमारे क्षेत्र में पाँच नदियों का संगम होने के बाद भी यह क्षेत्र किसी भी रूप में पावन नहीं समझा गया। हमें आज ही यह कार्यक्रम तय करना होगा कि हम प्रत्येक वर्ष पचनदा पर एक कार्यक्रम ‘बुन्देली मेला’ के नाम से शुरू करें। उन्होंने आगे कहा कि युवा वर्ग समझे कि उसके पास नौकरी का अभाव योग्यता में कमी के कारण नहीं वरन् अवसर में कमी के कारण है। आज तक कभी बुन्देलखण्ड के योग्य लोगों को ऊँचे पदों पर नहीं आने दिया गया। हमें एक-एक आदमी के अंदर इस बात का विश्वास जगाना होगा कि बुन्देलखण्ड राज्य का निर्माण उसके अपने हित में है। एक किसान, मजदूर, बेरोजगार, विद्यार्थी के हित में है।
युवा छात्र नेता आदित्य व्यास ने कहा कि जब तेलंगाना के लोग अलग राज्य के लिए संघर्ष कर सकते हैं तो हम क्यों नहीं? हमारे पास अपनी सम्पदा होते हुए भी हम पिछड़े हैं। बिजली का उत्पादन हम करते हैं और इसके बाद भी हमें बिजली के लिए तरसना पड़ता है। बुन्देलखण्ड राज्य का निर्माण हमारे अस्तित्व को तय करेगा। हमें यदि पिछड़े ही रहना है तो कोई बात नहीं और यदि हमें किसी भी रूप में स्वयं को ताकतवर बनाकर उभारना है तो बुन्देलखण्ड राज्य हर हालत में हर कीमत पर बनाना ही होगा।
सभा का सञ्चालन करते हुए कार्यवाहक अध्यक्ष सलिल तिवारी ने कहा कि अब समय मात्र सभाएं करने का नहीं है, हम पूरे जोश के साथ आगे आकर लोगों को साथ लें और अपने संघर्ष को आगे ले जाएँ।
सभी में अन्य लोगों ने भी अपने विचार रखे। जय-जय बुन्देलखण्ड के नारों के साथ सभी इस सूचना के साथ विसर्जित की गई कि अगला कार्यक्रम 06 जनवरी को कालपी में होगा।
वाहन मार्च नगर के प्रमुख उत्सव गृह सिटी सेंटर से प्रारम्भ होकर शहर के मुख्य-मुख्य मार्गों से गुजरा। मच्छर चैराहा से घंटाघर, माहिल तालाब, डी0वी0कालेज होते हुए बस स्टैण्ड के रास्ते जेल रोड, जिला परिषद्, अम्बेडकर चैराहा होते हुए गाँधी चबूतरे पर एक सभा के रूप में परिवर्तित हुआ।
बुन्देलखण्ड राज्य की माँग को लेकर सम्पन्न इस वाहन मार्च में बुन्देखण्ड मुक्ति मोर्चा के जिलाध्यक्ष आशीष मिश्रा, कार्यवाहक जिलाध्यक्ष सलिल तिवारी, छात्र मोर्चा के अध्यक्ष आदित्य व्यास के अतिरिक्त बुन्देलखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय मंत्री डा0 दिनेश चन्द्र द्विवेदी, डा0 कुमारेन्द्र सिंह सेंगर सहित कई युवा शामिल हुए।
गाँधी चबूतरे पर सम्पन्न सभा में डा0 दिनेश चन्द्र द्विवेदी ने कहा कि बुन्देलखण्ड की माँग हक की माँग है। यदि जो लोग इसे पद और सत्ता प्राप्ति की लड़ाई मानते हैं वे कतई इस संगठन से और इस संघर्ष से न जुड़ें। उन्होंने कहा कि इसमें उन लोगों के जुड़ने की जरूरत है जो पृथक बुन्देलखण्ड राज्य की माँग को निस्वार्थ भाव से उठा सकें।
जिलाध्यक्ष आशीष मिश्रा ने कहा कि युवाओं के जोश से पार पाना अब सरकार के हाथ में नहीं है। यहाँ का युवा समझ चुका है कि हमारा भला तभी है जबकि बुन्देलखण्ड राज्य का अलग निर्माण हो जायेगा। बिना अलग राज्य के यहाँ के युवाओं को दूसरे राज्यों में रोजगार के लिए संघर्ष करना होता है। उन्होंने आगे कहा कि बुन्देलखण्ड के किसानों, मजदूरों, युवाओं के हित में अब यही है कि बुन्देलखण्ड को अलग राज्य का दर्जा दे दिया जाये।
केन्द्रीय पदाधिकारी डा0 कुमारेन्द्र सिंह सेंगर ने कहा कि हमारा कर्तव्य यह भी होना खहिए कि हम यहाँ के लोगों को बुन्देलखण्ड के महत्व को समझा सकें। हमारे क्षेत्र में पाँच नदियों का संगम होने के बाद भी यह क्षेत्र किसी भी रूप में पावन नहीं समझा गया। हमें आज ही यह कार्यक्रम तय करना होगा कि हम प्रत्येक वर्ष पचनदा पर एक कार्यक्रम ‘बुन्देली मेला’ के नाम से शुरू करें। उन्होंने आगे कहा कि युवा वर्ग समझे कि उसके पास नौकरी का अभाव योग्यता में कमी के कारण नहीं वरन् अवसर में कमी के कारण है। आज तक कभी बुन्देलखण्ड के योग्य लोगों को ऊँचे पदों पर नहीं आने दिया गया। हमें एक-एक आदमी के अंदर इस बात का विश्वास जगाना होगा कि बुन्देलखण्ड राज्य का निर्माण उसके अपने हित में है। एक किसान, मजदूर, बेरोजगार, विद्यार्थी के हित में है।
युवा छात्र नेता आदित्य व्यास ने कहा कि जब तेलंगाना के लोग अलग राज्य के लिए संघर्ष कर सकते हैं तो हम क्यों नहीं? हमारे पास अपनी सम्पदा होते हुए भी हम पिछड़े हैं। बिजली का उत्पादन हम करते हैं और इसके बाद भी हमें बिजली के लिए तरसना पड़ता है। बुन्देलखण्ड राज्य का निर्माण हमारे अस्तित्व को तय करेगा। हमें यदि पिछड़े ही रहना है तो कोई बात नहीं और यदि हमें किसी भी रूप में स्वयं को ताकतवर बनाकर उभारना है तो बुन्देलखण्ड राज्य हर हालत में हर कीमत पर बनाना ही होगा।
सभा का सञ्चालन करते हुए कार्यवाहक अध्यक्ष सलिल तिवारी ने कहा कि अब समय मात्र सभाएं करने का नहीं है, हम पूरे जोश के साथ आगे आकर लोगों को साथ लें और अपने संघर्ष को आगे ले जाएँ।
सभी में अन्य लोगों ने भी अपने विचार रखे। जय-जय बुन्देलखण्ड के नारों के साथ सभी इस सूचना के साथ विसर्जित की गई कि अगला कार्यक्रम 06 जनवरी को कालपी में होगा।
Quick and sufficient report.GO ahead.
जवाब देंहटाएं